Monday, May 9, 2011
सपनो की रानी
लिखना चाह्ता हुं तुझे प्यार भरे खत ऐ सपनो की रानी बता तुझे कैसे लिखुं?
हर सुबह तुझे ही देखना चाह्ता हुं ऐ मेरे सनम तु ही बता कैसे तुझे देखुं?
हर बात पर करना चाहता हुं तुझे याद है तुझे भी पता मेरे पास तो तेरी कोई याद भी नही।
जाने किस फुलों की तरह मुस्काती है तु, न जाने किस दिन के चांद की तरह है तेरी सुरत? मेरे पास तो तेरी कोई तस्वीर ही नहीं । न जाने किस शबनमी रात की तरह है तेरे आंसू मेरे पास तो तेरे कोई गम भी नहीं।
कया तेरे सुख पर किसी के प्यार का घुंघट पडा है या मेरी तरह तु भी तलाश रही है कोई प्यारी सी छांव। क्या तेरा भी है कोई सपनों का राजकुमार है या की मेरी तरह तेरा भी कोई सपना ही नहीं।
मुझे कुछ भी मालुम नही की कौन है तु? कहां है तु? कैसी है तु? तेरे बारे मे हर तरह से अनजान हुं मै। और क्या कहुं तेरे गुलाबी होठों के निकट सिर्फ़ बेजुबान हुं मै।
न मेरे पास तेरा कोई निशां है न तेरे पास मेरा, तेरे लिये तो सिर्फ बेनिशान हुं मै। ऐ सनम अब तु ही बता कैसे तुझे पुकारूं? किन सितारो में तुझे निहारूं ? किन हवाओं से पुछुं तेरा नाम तेरे लिय्र अब तो सिर्फ़ गुमनाम हुं मै।
बस छ्म छ्म करती आ जाओ मेरे जीवन मे मेरे पास तुम्हारे सिवा कुछ भी नहीं।
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niceee
ReplyDeleteohh great sir.. saras lakhayu che pan thodu vadhare lakhyu hot to maja aavat naanu lagyu mane..
ReplyDeleteSir, Pyar itna dard deta hain kya? aankh bhig jaati hain!
ReplyDelete@ Sahily and ammi Thank you
ReplyDelete@ Savji Bhai Ek vaar kari to jovo..!!!