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Wednesday, February 9, 2011

एक्सटर्नल अफेर



मेरे एक दोस्त के प्रश्न ने मुझे बैचेन कर दिया है ईन दिनो। ये प्रश्न है...
क्या एक परणित स्त्री और परणित पुरुष मित्र नहीं हो सकते?

मैं क्या कहता ? मैं कोई ज्ञानी ,महात्मा ,या साधु तो हुं नहीं जो हर जगह अपनी ’ज्ञान-वाणी’ बाटता फिरुं| फिर भी मन बैचेन हो रहा था की आखिर इसका क्या जवाब देना चाहिए?
मैंने गुजरात के एक बहोत ही चर्चित लेखक चंद्रकांतबक्षी का एक लेख पढ़ा था। जिस मे उन्हों ने कहा था की “एक स्त्री और पुरष कभी मित्र नहीं हो सकते है ? यदि वो दावा करते हैं के वो अच्छे मित्र है तो या तो वो झूठ बोल रहे है, या फिर उनमें कोई रिश्ता नहीं है”| इस विधान से मैं सहमत हो जाउं या नही, ईसी पसो पेश मे मैं कब से चल रहा था। चलिए अब इस पर अपनी ’ज्ञान-सरिता’ बहाने की कोशिश कर के देखता हुं। ( जैसे की आज कल ’ज्ञानीलोग’ न्यूज़ चेनलो पर’ जा के करते हैं) ? शायद जवाब मिल जाये।

मैं यहाँ कोई गर्लफ्रेंड या बॉय फ्रेंड की बात नहीं कर रहा हुं, और न ही कोई लफ़डेबाजो की बात करने वाला हुं| मैं यहाँ एक रिश्ते की बात करने की कोशिश करना चाह रहा हुं।इसी रिश्ते की बात से संबधीत एक बात याद आ रही है, एक बहुत ही मश्हुर पत्रकार को किसी ने पुछा था की "आप के और आप की चेनल के एंकर के बिच में क्या लफड़ा है?जब की आपकी तो शादी हो चुकी है। जवाब में उन्हों ने कहा की " मेरे और उसके बिच में एक रूहानी रिश्ता है, हम दोनों के बिच एक डीप रिलेसन शिप है”|

जहाँ तक मेरा मानना है वहां तक मैं ऐसे रूहानी रिश्तों को शादी से कम पवित्र नहीं मानता । समाज को भी ऐसे रिश्तो को स्वाभाविक तौर पर स्वीकार कर ही लेना चाहिए , नहीं तो आने वाले दिनों में समाज नाम की पुरी व्यवस्था पर एक सवालिया निशान खड़ा हो जायेगा?वैसे भी पहले के भारतीय दौर मे राजाओं की कई सारी रानिया होती थी, हिदु देवी देवताओ के कई रिश्ते होते थे फिर भी उन्हें आज भी भगवान् ही माना जाता है| उनके खिलाफ कभी किसी ने प्रश्न नहीं खड़े किये? क्यों? ( क्यों की भारतीय समाज दंभ से भरा हुआ है|) पुरे विश्व को "काम-सुत्र" भारत ने दिया फिर भी आज भारत मे सेक्स पर बात करना वर्जित है ( ये बात और है की भारत की आबादी दिन-बा- दिन बढती ही जा रही है|) मेरी ऐसे सभी भारतीयों से अनुरोध है की कृपा करके दंभ छोड़े और परिवर्तन की लहर को महसुस करे | समाज के हरेक रिश्ते को आदर सामान दे|

बात आगे बढातें हैं..जिनके कोई विवाहोतेर संबंध हो ही नहीं शकते ऐसे कई भले मानुसों और सज्जनों को मैंने ऐसे रिश्ते बनाते और बाकायदा पुरे जीवन भर निभाते देखा है| उन्ही को फ़िर बोलते भी सुना है की " क्या होगा इस देश का ? इस समाज का ? आज कल लोग शादी के बाद भी दूसरी औरतो और पुरषों से संबंध कैसे रख सकते हैं? ये देश विनास की तरफ जा रहा है? में ऐसे महापुरषों और स्त्रियो को वंदन कर आगे बढ़ चलता हुं|

ऐसे रिश्तो को देख मेरे मन में एक प्रश्न स्वभाविक हो उठता है की स्त्री पुरुषो को अपने संबंधो को चुपके से शरमाते शरमाते भी निभाना क्यों पड़ता है? क्या प्रेम कोई गुनाह है? कया शादी करने के बाद किसी को कभी प्यार नहीं हो शकता? और क्या एक साथ दो व्यक्तिओं से प्यार नहीं किया जा सकता या निभाया नहीं जा शकता? मेरी निगाह में तो ऐसे प्यार करने वालो को और खुल के समाज के सामने आने वालो को आदर की नजर से देखना चाहिए| ऐसे रिश्ते रखने वालो को जो परेशान करता है या निंदा करता है वो मेरी नजर में एक बलात्कारी है,जो किसी अच्छी चीज को देख कर खुश नहीं हो शकता |( वैसे भी भारत का पौराणिक इतिहास रहा है जब भी कोई हवन करता है तो उस मे हड्डीयां डालने वाले आ ही जाते थे,और वो कौन होते थे ये मुझे बताने जरूरत महसुस नहीं होती आप सब को पता है। आज के समय मे सिर्फ उनका रोल और कार्य बद्ल गया है।) ऐसे कर्म करने वालो का खुल कर विरोध करना चाहिए | और जैसे भारत देश में बक-बक हर कोई करता है किन्तु करता कुछ नहीं वैसे अगर आप में और हम कुछ न कर सके तो ऐसे रिश्तो को कम से कम सम्मान की नजर तो बक्श ही शकते है | अगर ऐसा किया जाये तो वो ही मेरी नजर में सच्चा वलेनटाइन गिफ्ट होगा इस भारतीय समाज को|

अच्छा अब चलता हुं बहोत हो गया ...
जाते जाते इस कहानी के अनुरुप गुलजार साहब का इक शेर सुन लिजीये

कब्रिस्तान है, कब्रिस्तान से आहिस्ता गुजरो, कोई कब्र हिले ना जागे, लोग अपने अपने जिस्मो की कब्रो में बस मिट्टी ओढे दफन पडें है।

सुचना : में शादीसुदा नहीं हुं | मेरा कोई एक्सटर्नल अफेर भी नहीं है|

11 comments:

  1. Dilps hamna tari face book par cmt vanchi ke facing lot of Criticism ,, pan e to reva nu su kaam aatlu tansan le che.te j lakhyu che e bahu ocha loko lakhi sake so kai pan chinta karya vina binads lakh.ne aa sub par jaher ma bolva nu bahu ocha loko kari shake che je te karyu che.just go ahead.

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  2. Relationship is something we call us .dosti ka rishta duniya mein anmol hai,chhoo kar dekho agar, to lagta hai phool hai,kanto bhari zindgi phool har dagar khilati hai,mehfil mein tanhai mein har pal saath nibhati hai,ankhon mein saat rang ke khwaab yeh sajati hai,jab ude rang mohabat ka yeh dil mein utar jati hai,seep mein moti banta hai saal hazaron mein,wasie hi mukhlis dost hota hai lakh sitron mein,is ki har ek shakh per wafa ke phool khilte hain,is ke har mousam se dankh ke rang jhalakte hain,sagar se gehra dil se is ka nata hai,
    khush kismat hai woh insan jise sacha dost mila hai.

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  3. Excellent piece of thought!Why you dont have an external affairs when you have no internal security minister??

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  4. Thanks Dilip for this. You seem to mix up between relationship and sexual intimacy. There can certainly be a healthy relationship between men & women. However, since our culture always connects all such relationships with sex, there is bound to be a problem since most will not know the difference between the two. Relationship is two way, love is one way traffic. Just because you like some one, does not mean you move to relationship, much less sexual relationship. Or else there will be no end since humans will keep liking people and that is not likely to be long lasting. Francis Parmar

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  5. @ Ammie thx for ur kind words. @bharti ji thank you so much for your suggestions
    @ Father Francis parmar.. yes father i am littel bit conusfued between this two relationship,nex time will try to write it out clerly.
    @ Shaily thanx 4 support.!

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  6. bhai saheb aap ek to shadi shudhdha nahi hai or dusara aapka koi afer nahi hai is liye aap itna soch sakte hai or likh sakte hai baki hamare samaj ki rachna or riti is tarike ki hai ki khudki bivi ko bhi prem karna hai to bandh kamre me hi kar sakte hai nahi ke khul kar.yah bat bhi sayad aap shadi ke bad jan jayenge.... Dilipji aapka is vishay par gyan achchha hai par adhura hai krupya pahele shadi karlo.

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  7. @ Rajesh Ambaliya Raju bhai darek vastu na parkha na hoy ne darek vastu jaante anbhvi ne j lakhi shakay eu nathi. Exmp. ZER NA PARKHA NA HOY.

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  8. nice try to write on this topic..... jis kisiko bhi aise external affair hai uske partner ke emotions bhi janne chahiye....us per bhi kuch likha jaye....best of luck.

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  9. अच्छा है.............
    लगे रहो.............
    संदीप

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