Saturday, March 6, 2010
॥सब मोह माया है। जिस को जैसा समझ मै आया है॥
॥ गुरु गोविन्द दोनो खडे का को लागु पाय।
बलिहारी गुरु आप की गोविन्द दियो बताय॥
ये छंद शायद हम सभी ने कभी न कभी तो सुना ही होगा।
पर आज यही शब्दो को आधुनिक गुरु ओ ने कलंकित कर दिया है। आज यहि गुरु गोविन्द को नहीं बताते,बताते है भोग-विलास कैसे होता है,करोडो रुपये कैसे कमाये जाते है? जि्न चीजो से पहले गुरु मुक्ति दिलाने की बाते किया करते थे वो ही चीजे आज यहि गुरु खुद तो भोग हि रहे है,और साथ ही अपने शिष्यों को भी इस भोग विलाश मै साझीदार बना रहे है।
पहले बात एक सफ़ेद दाढी धारी बाबा की,जिसे अभी तक गुजरात के लोग ना ही भुल पाये है,और नेता ना ही भुना ना छोड रहे है।ये बाबा कपडे तो सफ़ेद पहनता है लेकिन दुनिया के सारे काले काम करने से जरा भी नहीं हिचकिचाता। इस के उपर संमोहन करने के साथ-साथ काले जादु करने का भी आरोप लगता रहा है,फ़िल हाल इस के उपर दो मासुम के कत्ल करने का भी आरोप लगा हुआ है,इस के लड्के पर लडकियों के साथ रास लीला रचा ने का भी आरोप लगा है,और हाल ही मै दिल्ही मै गिरफ़्तार हुए बाबा भीमानंद के सेक्स रेकेट मै भी इसके जुडे होने कि बात भी कही जा रही है।लेकिन ये बाबा ऐसे घिनौने कृत्य करने से जरा भी हिचकिचाता नहि,मीडिया को कुत्ता कह्ता है,और अगर खुद को एक महिने मै बेकशुर ना साबित कर सके तो एक मीडिया समुह के यहां चपरासी बनने की भी बात कह्ता है,(ये बात अलग है कि आज इस बात को कई महिने हो गये है)।इस पर अभी भी केस चल रहा है,लेकिन बात यहां ये है कि ऐसे गुरु बनाने से भी क्या फ़ायदा? जिस का खुद दामन पाकसाफ़ ना हो,वो दुसरो को क्या मोक्क्ष दिलायेगा?और एक हम है कि एक नहीं तो दुसरा सही कि तर्ज पर गुरुओ को दुढंते ही रहते है और मोक्क्ष की आशा मै मारे मारे एक गुरु से दुसरे गुरु के दरवाजे पर भटक रहे है,पर हमे ये पता ही नहीं कि:
क्षणमहि सज्जनसंगतिरेका । भवति भवार्णवतरणे नोका ।
( अर्थात: सज्जनो के साथ घडी भर की संगत भी भवसागर की नैया पार करा सकती है।)
स्वामी विवेकानंद जी ने भी तो यही कहा है" आप को आप का विकास अन्दर से ही साधना है,आप को कोई दूसरा सीखा नहीं सकता,आप को कोई आध्यातमिक नहीं बना सकता,आप कि आत्मा के अलावा आप का कोई गुरु नहीं है।" और एक हम है कि गुरुओ कि तलाश मैं ना जाने किस किस क्रिपालुन्नद,नित्यानंद,भीमानंद को गुरु मान भगवान को प्राप्त करने के सपने संजोते रहते है,(भाई जो सेक्स,शराब,सत्ता,सुन्दरी के अलावा कुछ सोच ही नहि सकता भला वो क्या हमे मोक्क्ष दिलाये गा)
अब बात करे क्रिपालुन्नद स्वामी की तो हाल ही मै इनका नाम उत्तरप्रदेश मै इनही के आश्रम मै हुइ भगदड के कारण काफ़ी चर्चा मै है। १ प्लेट,१ रुमाल १ लड्डु,और २० रुपये की खातीर लोगो ने परमात्मा और मोक्क्ष को भुल ऐसि दौड लगाई की ३२ लोगो ने जाने गवां दी,कीसी ने अपनी आंख का तारा खोया,तो किसी का पुरा का पुरा कुल ही बरबाद हो गया। और ताजुब की बात यह है की इस घट्ना को बाबा क्रिपालुन्नद भगवान की मरजी बताते है,कह्ते है कि " हमने इन लोगो को नहि बुलाया,ये लोग खुद ही आये थे,और म्रुतको को आश्रम की तरफ़ से एक एक लाख रुपये दिये जायेंगे "(वाह रे भगवान तेरी लीला इन्सान के जान की किमत सिर्फ़ एक लाख रुपये.!!आज कल तुभी सस्ते इन्सान बनाने लगा क्या,??इतनी जाने गई क्या फ़रक पड्ता है..स्वामी जी ने थोडि इन्हे बुलाया था वो तो खुद हि मरने आ गये थे )
और हम पागल लोग ऐसे स्वामी के पास मोक्क्ष कि आशा रख्ते है,(अरे भाई भगवान ही हमे कहता है ना की ऐसे स्वामी ओ के पास जाओ,भगवान कि मर्जी होगी )स्वामी जी ने फ़िल-हाल तो अपना पल्ला झाड लेने कि कोशिश की है,देख्ते है कितना कामयाब हो पाते है..सोचने का वक्त आप का और हमारा है। नही तो वो दिन दुर नही की ऐसे स्वामी हमारे जान की भी किमत लगा देंगे और कहेंगे की हमने तो मोक्क्ष दिला दीया।
स्वामी भीमानंद के बारे मै बात करे तो,ये स्वामी तो इन सब से भी बडे निक्ले। इनका जाल तो अमरीका से ले कर दिल्ही तक फ़ेला हुआ था,इनकी अपनी एक गुफ़ा थी,इस के अलावा और ढेर सारे कारनामे है इस बाबा के। ये बाबा सेक्स रेकेट चलाता था,इस के पास से जो डायरी मीली है उस मै कोल-गलर्स का सारा हिसाब किताब रखा जता था।(बताइए ये बाबा हमे कौन से मोक्क्ष का रस्ता दिखाते थे? फ़िल हाल तो ये बाबा जैल मै है,और अपने मोक्श का रस्ता तलाश रहे है।)
जब इतने बाबाओ की बात कि है तो,लगे हाथ स्वामी नित्यानंद कि भी बात कर ही लेते है।ये यु तो लोगो को चरित्र का पाठ पढाते थे। पर जब से इनके चरीत्र का खुलसा एक दक्षिण-भारतीय चेनल ने किया है तब से ये अद्र्श्य हो गये है। ये बात और है कि ये बाबा अपने ही शिष्य परमानंद पर आरोप लगा रहे है,कि ये सब उसी ने षड्यंत्र किया है।सच-झुठ का खुलाशा तो बाद मै होगा..फ़िल हाल ये बाबा अन्तरध्यान हो गये है। इन का नेटवर्क पुरे देश मै फ़ैला हुआ था। यहां तक की जब ये गुजरात की मुलाकात के लिये वडोदरा शहर आये थे तो यहां के मुख्यमंत्री इन बाबा कि प्रशंशा करते नही थकते थे। आज यहि मुख्यमंत्री मीडिया से मुह छिपाते घुम रहे है(आज कल के बाबाओ की यही तकनीक भी बन गई है कि बडे बडे नेता ओ और फ़िल्मसितारों को अपना भक्त बनाओ,बाकी भगत अपने आप खिचे चले आयेंगे।)
सवाल ये है कि हम एसे बाबाओ पर भरोशा क्युं कर लेते है? क्या बडे-बडे राज नेता इन के कदमो मे गिरते है इस लिये?या इस लिए के ये घंटो तक भक्ति चेनल पर प्रभु का गुणगान कर ते रहते है!या इन बाबाओ का मार्केटींग बहुत असरदार होता है?और क्या किसी बाबा पे भरोसा करने का यही मापडंड है? हम ऐसे बाबाओ पर भरोसा करते ही क्यों है?हमे चाहिये क्या.?? हमे हेरान परेशान करने के लिये जितने ये बाबा लोग जिमेदार है उतने ही क्या हम नही? कब तक हम सरकार और बाबा ओ पर आरोप लगा कर खुद के कशुर से बचते रहेंगे। हर बार ऐसा कोइ ना कोइ बाबा आता है,कीसी ना कीसी रूप मे हमे ठग जाता है।फ़िर थोडे दिन हम शोर शराबा करते है,और फ़िर भुल जाते है। आप और हम को ही ऐसे बाबाओ से बचने के कोई ठोस प्रयाश करने होगें।नही तो वो दिन दुर नही,जब ये बाबा लोग देश को और हम सभी को बेच खायेगे।
आज के ज़माने मे देश मे कितने ऐसे लोग है की जो शास्त्रों को सही ढंग से समझते होंगे? जो थोड़े बहुत लोग शास्त्रों को जानते भी है वो ब्रम्ह,माया,और प्रक्रुति जैसे कुछ ही शब्दो का प्रयोग करते है।जो दिमाग मे सिर्फ एक अस्मंजश ही पैदा करते है। आज कल के ये गुरु लोग शास्त्रों को छोड़ बाकी सभी चीजो का ज्ञान देते है।और मैं तो कहता हूँ की जो शास्त्र हर इंसान को उसके सही या बुरे वक्त मैं काम न आये वो शास्त्र ही कैसा.?और कीस काम का.? और अगर शास्त्र केवल सन्याशियों को ही समझ मैं आता हो,ऊन्ही को प्राप्त हो तो उसका क्या फ़ायदा?गृहस्थ जीवन गुजार रहे लोगो को जो धर्म सलाह सुचन न दे सके तो उस धर्म का क्या मतलब.?जो शास्त्र जब इंसान अपना सब कुछ छोड़ जंगल मैं जा बैठे,या फिर अपना गृहस्थ जीवन त्यागे तभी उपयोग मैं आता हो,तो क्या करना है ऐसे शास्त्र का,और क्या करना है ऐसे धर्म का?
मजदुर की मजदुरी,रोगीओ के रोग,दुखीओ के दुख:को दुर न कर सके वो धर्म कीस काम का? पश्च्याताप मे दलित के दारिद्र्य मे,काम,क्रोध,और विलाश के आवेग मे,जीवन के अंधकार मे,और अंत मे मृत्यु की काल रात्रि मे जो शास्त्र,या गुरु ह्रदय मैं आशा का एक दीप जला कर रास्ता न दिखा सके तो फिर कीस काम के?और अगर यही शास्त्र और गुरु का कार्य है, तो हम जैसे दुर्बलो को इनकी क्या जरुररत है.??? हम क्यों फिजूल मैं ऐसे मोक्ष और गुरु की तलाश मैं ढोंगी ओ के बस मैं हो जाते है।
आने वाले समय मैं आप को बहोत से ऐसे बाबा मिल जायेंगे जो जलते हुए कोयले पे चलेंगे,हाथ मैं से फल स्वरूप प्रसाद देंगे।किसी की बीमारी सिर्फ हाथ फिरा कर मिटा देंगे।एक दिन मैं पैसे दुगने कर देंगे। और न जाने कौन कौन से चमत्कार करेंगे.?पर क्या कभी हमने ये भी सोचा है की क्या राक्षस चमत्कार नहीं कर सकते..??
जाते जाते गीता का ही एक श्लोक आप सब के लिए है.शायद ये लेख के अनुरूप भी है इस लिए लिख रहा हूँ,.
कलैब्यं मास्म गम;पार्थ नैत त्वययुपपद्यते ।
क्षुद्र ह्रदयदौर्बल्यम त्यकत्वोतिष्ठ परंतप॥
अर्थात:
( हे पार्थ तुम ये ना-मर्दानगी छोड़ दो,तुम को ये शोभा नहीं देता है,ह्रदय की इन हिन् निर्बलताओ का त्याग कर,हे परंतप तुम खड़े हो जाओ.)
॥ये लेख स्वामी दीलीपा नंद द्वारा लिखा गया है॥
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ase kisi pr bharosha nahi karna chaiye sirf bhagvan pr visvas rekhna chaiye or dushre bat ke hamesa hamare atma jo kahe wahe karna chaiye gud artical keep it up
ReplyDeleteparul_193@yahoo.co.in
wah dilip kya kaha hai..pahle rajniti,fir galmour aab aadhyatm,har sabject main aap ki likhai ka ek naya pahlu bahar aata hai..jahan tak baaba o ki bat hai to main to manta hun ki hum hi murakh hai isi liye aise babao se murak bante hai...likhte raho dilip
ReplyDeleteSatish ji sukriya..ye mera ek pryaas hai dekhie kitna safal ho pata hun.
ReplyDeleteI m totally agree with Satish Zha. We people are foolish that we run after such bogus-pakhandi sadhu bavas and waste our time, money and dont know what else!!!
ReplyDeleteBut the question is that how can we stop such 'dhooni' people who worship such stupid dhongi bavas?!!! there is a big figure of such people. How can we change their mindset!!!
- Vaishali Gajjar
hey vishali thanks..for your pricious comment..and ya i think we r the solution for our created problem....
ReplyDeleteDear Dilip
ReplyDeleteI totally agree with you.We have to be very careful of such foolish people in the form of Babas.See believe in only God .Not any human all babas are just making Fool to innocent people For Eg Asaram,Satya sai Baba these people are making fool to innocent people see Asaram totally looks like a professional Gunda.So we have to be very careful of such professional Gundas so Dilipbhai my suggestion is that you keep on writing and why dont we plan a sting operation I am with you we can remove the Curtains from some other babas those are left out in the same like others behind curtain.
Shilnidhi Tiwari
Sare baba Ko chhodo Sirf BABA RANCHOD DAS KI SUNO..JAi BABA RANCHOD DAS JI KI...DIl pe hath rakhho AUR KAHO AAL IZZ WELLL
ReplyDeleteI think Before We Belive In God We must belive In Ourselves....BECAUSE God Lives In each and Every Human Being.......So Trust UR Self....MOksha is a Situation, situation ki jahan aap hamesha Khush rahete ho....Aur jo bhagvaan Ki bhakti main hai wo sada ANANDMAYI HAI..For Example RADHA, Meera, Bhakt Shri vallbh, Narsing mehta..and So on and On...PPL WHO Run Afer this BABA..they R not looking 4 God, they r selfish PPL Who prise This baba For Cheap Publicity, or their own Profit...So some of them died..LET it be...Waise Bhi Keede-MAkode ka KOi bhi MOl nahi hota..Sitll they GOt 1 lack Each.....
ReplyDeleteDilip.. first of all i congratulate for your new start. i have never seen boy like you..in ma life..you r treefic.and unbeatable boy..but i know some time u r too much Depressed frome your failure,but its life my boy,
ReplyDeletenow come to the point..for your writing..
see your mind blowingin writing and u run beatablein that ariea.at the age of yours no one can write like this...and you are ahed of so called media tykons..see the subject you have chosen..you are the first one to write on this kind of subjet..after you i have seen today in so many news papers and news chanel doing the story on that. but first is first always my boy.and the depth of the stroy that you have is too good compare to other so calld news paper and chanels..so my blesing are alwyas their wid u..any time you want my help in any subject pls dnt hasitate to contect me..and always i said and you also know that..tum lambi race ka ghoda ho..tumhe jarurat hai sirf ek right chance ki aur wo bhi jald hi miljayega...so keep writing like this.
Tank you all..for your pricious coment and suggestions...@shil bhai...we will definatly do it.and@pranav yagnik aap ni salh aam janta suddhi 100% phochadva ma aavse,,,@prnav sir..thank you.and i am totaly agree with you..and i also want that people must know this kind of things...and pranav sir pls give me suggestion like this..i want your support@thank you payal mem....par ek baat hai...main delhi nahi aane vala..aap cahe jitna bhi bulao...hahahaha...i need you throught my carrier...aur ha jis din thak jaunga 100% delhi laut aaunga...thank you..
ReplyDeletewaah dilip nice article. its good k taru thinking aaje pan e j chhe je aaj thi 4 varsh pahela hatu. lage raho dilipbhai..........
ReplyDeleteThank you dhara..samay badlay che manas nathi badlato ne eu kyarek bane ke smay sathe maanas na vicharo badli jata hoy che pan kadch hun e vaaat sathe sahmat nathi joie..baki samy badlta ni sathe main ghana ne badlta joya che...
ReplyDeletekoi bhagvaa paherine 6etre 6e to koi khaadi paherine..I think real criminls r our socity not dis RAKHADEL shadhoos..
ReplyDeletevery good article baapu..tame to ghana ne n
**a kari diDha..keep it up & all the best for next chalange